पृथ्वी क्षमा मंत्र | सुबह उठकर पृथ्वी माता को कैसे नमस्कार करे ? Prithvi kshama mantra |
पृथ्वी क्षमा मंत्र
|| पृथ्वी मंत्र ||
ॐ समुद्र वसने देवी पर्वतस्तन मंडिते |
विष्णुपत्नीं नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व में ||
पृथ्वीमंत्र |
|| श्लोकार्थ ||
हे समुद्र में निवास करनेवाली माँ,पर्वतमंडल के समान जिनके स्तन है या पर्वतमण्डल जिनके स्तन स्वरुप है,
जो विष्णु की पत्नी है, आप मुझे क्षमा करे क्युकी में अपने पैरो को आपके ऊपर स्पर्श करने जा रहा हु |
|| पृथ्वी मंत्र समाप्तः ||
पृथ्वी क्षमा मंत्र | सुबह उठकर पृथ्वी माता को कैसे नमस्कार करे ? Prithvi kshama mantra |
Reviewed by Bijal Purohit
on
2:34 pm
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