संस्कृत सुभाषित हिंदी अर्थ सहित | व्यायामात लभते | Sanskrit subhashita |


व्यायामात  लभते स्वास्थ्यं

|| सुभाषित ||

व्यायामात लभते  स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं |
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थ साधनं ||

व्यायामात लभते | Sanskrit subhashita |
संस्कृत सुभाषित 
अर्थ 

अगर स्वस्थ्य अच्छा रखना है तो व्यायाम करना जरुरी है,
व्यायाम करने से सेहद अच्छी रहती है,दीर्घ आयुष्य मिलता है
शरीर को बल मिलता है
इसीलिए सुभाषित में कहा है आरोग्य ही परम भाग्य  है और
सस्वास्थ्य ही सर्वार्थ साधन है ||

|| जय श्री कृष्ण ||
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