श्री जगदम्बा जी की आरती | Jagdamba Aarti |


     श्री जगदम्बा जी की आरती 

श्री जगदम्बा जी की आरती | Jagdamba Aarti |
जगदम्बा आरती 



आरती  कीजे   शैल - सुता  की 
जगदम्बा  की  आरती  कीजे,
                    स्नेह - सुधा, सुख  सुन्दर लीज || आरती कीजे || 

जिनके  नाम  लेत  दृग भीजे,
                   ऐसी    वह  माता  वसुधा   की || आरती कीजे || 

पाप विनाशिनी, कलि-मल-हरिणी,
                  दयामयी   भवसागर    तारिणी || आरती कीजे || 

शस्त्र    धारिणी   शैल - विहारिणि, 
                  बुद्धि-राशि गणपति माता  की || आरती कीजे || 

सिंहवाहिन         मातु       भवानी, 
                गौरव -गान    करें   जग - प्रानी || आरती कीजे || 

शिव   के   ह्रदयासन   की   रानी, 
                करें  आरती  मिल -जुल  ताकी || आरती कीजे || 

|| श्री जगदम्बा जी की आरती समाप्तः ||

श्री जगदम्बा जी की आरती | Jagdamba Aarti | श्री जगदम्बा जी की आरती | Jagdamba Aarti | Reviewed by Bijal Purohit on 8:12 am Rating: 5

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