साई बाबा गुरुवार व्रत | Sai Baba Guruvar Vrat Katha |


साई बाबा गुरुवार व्रत 

साई बाबा गुरुवार व्रत | Sai Baba Guruvar Vrat Katha |
साई बाबा गुरुवार व्रत 

गुरुवार व्रत कथा 
एक शहर में कोकिला नाम की स्री और उसके पति महेशभाई रहते थे |
दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय था | दोनों में आपस में स्नेह और प्रेम था | पर महेशभाई कभीकभार झगडा करने की आदत थी |
परन्तु कोकिला अपने पति के क्रोध का बुरा न मानती थी |

वह धार्मिक आस्था और विश्वास वाली महिला थी |उसके पति का काम-धंधा भी बहुत अच्छा नहीं था |
इस कारण वह अपना अधिकतम समय अपने घर पर ही व्यतीत करता था |समय के साथ काम में और कमी होने पर उसके स्वभाव में और अधिक चिडचिडापन रहने लगा |

एक दिन दोपहर के समय कोकिला के दरवाजे पर एक वृद्ध महाराज आयें। उनके चेहरे पर गजब का तेज था |
वृद्ध महाराज के भिक्षा मांगने पर उसे दाल-चावल दियें। और दोनों हाथोंम से उस वृद्ध बाबा को नमस्कार किया।

बाबा के आशीर्वाद देने पर कोकिला के मन का दुःख उसकी आंखो से छलकने लगा |इस पर बाबा ने कोकिला को श्री साई व्रत के बारे में बताया और कहा कि इस व्रत को 9 गुरुवार तक एक समय भोजन करके करना है |
पूर्ण विधि-विधान से पूजा करने और साईबाबा पर अट्टू श्रद्धा रखना। तुम्हारी मनोकामना जरूर पूरी होगी। 

महाराज के बताये अनुसार कोकिला ने व्रत गुरुवार के दिन साई बाबा का व्रत किया। और 9वमे गुरुवार को गरीबों को भोजन भी दिया। साथ ही साई पुस्तकें भेंट स्वरुप दी | ऐसा करने से उसके घर के झगडे दूर हो गये और उसके घर की सुख शान्ति में वृद्धि हुई. इसके बाद दोनों का जीवन सुखमय हो गया |

एक बार उसकी जेठानी ने बातों-बातों में उसे बताया, की उसके बच्चे पढाई नहीं करते यही कारण है |
कि परीक्षा में वे फेल हो जाते है |
कोकिला बहन ने अपनी जेठानी को श्री साई बाबा के 9 व्रत का महत्व बताया। कोकिला बहन के बताये अनुसार जेठानी ने साई व्रत का पालन किया। उसके थोडे ही दिनों में उसके बच्चे पढाई करने लगें और बहुत अच्छे अंको से पास हुए |

साई बाबा 9 गुरुवार व्रत 
साई बाबा व्रत को कोई भी साधारण जन कर सकता है |
यहां तक की बच्चे भी इस व्रत को कर सकते है | साई बाबा अपने भक्तों में किसी प्रकार का कोई भेद भाव नहीं करते है | उनकी शरण में आमिर-गरीब या किसी भी वर्ग का व्यक्ति आये उसकी कोई सिद्धि अवश्य पूरी होती है | साई बाबा व्रत एक बार शुरु करने के बाद नियमित रुप से 9 गुरुवार तक किया जाता है |
इस व्रत को कोई भी व्यक्ति साई बाबा का नाम लेकर शुरु कर सकता है | 

व्रत करने के लिये प्रातः स्नान करने के बाद साई बाबा की फोटो की पूजा की जाती है |साई बाबा की फोटो लगाने के लीये सबसे पहले पिले रंग का वस्त्र बिछाया जाता है | इस पर साई बाबा की प्रतिमा या फोटो लगाई जाती है |
इसे स्वच्छ पानी से पोंछ कर इसपर चंदन का तिलक लगाया जाता है |

साईं बाबा की फोटों पर पिले फूलों का हार चढाना चाहिए |अगरबती और दीपक जलाकर साई व्रत की कथा पढनी चाहिए।
और साई बाबा का स्मरण करना चाहिए |  इसके बाद बेसन के लड्डूऔं का प्रसाद बांटा जाता है |
इस व्रत को फलाहार ग्रहण करके किया जा सकता है | या फिर के समय में भोजन करके किया जा सकता है |
इस व्रत में कुछ न कुछ खाना जरुरी है, भूखे रहकर इस व्रत को नहीं किया जाता है |

इस प्रकार व्रत करने के बाद 9 गुरुवार तक साई बाबा के मंदिर जाकर दर्शन करना भी शुभ रहता है | घर के निकट साई बाबा मंदिर न होने पर घर में भी साई फोटों की पूरी श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए। किसी भी स्थान पर हों, व्रत की संख्या 9 होने से पूर्व इसे मध्य में नहीं छोडना चाहिए। 

साई बाबा व्रत उद्धापन 
शिरडी के साई बाबा के व्रत की संख्या 9 हो जाने पर अंतिम व्रत के दिन पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन और सामर्ध्य अनुसार दान देना चाहिए। इसके साथ ही साई बाबा की  कृपा का प्रचार करने के लिये 7,11,21  साई पुस्तकें, अपने आस-पास के लोगों में बांटनी चाहिए। इस प्रकार इस व्रत को समाप्त किया जाता है |

शिरडी साई बाबा चमत्कार 
भारत प्राचीन कल से ही धार्मिक आस्था और पूजा-उपासना में विश्वास करने वाला देश रहा है | यहां कई धर्म और वर्ग और संस्कृतियां अलग-अलग हो कर भी एक साथ रहती है |
इसके साथ ही भारत में अनके संत-महापुरुषों ने जन्म लिया. कई संतो के द्वारा किये गये चमत्कार आज भी चर्चा का विषय रहे है |

शिरडी के साई बाबा के चमत्कार की उनके कथाएं प्रचलित है | शिरडी के साई बाबा पर देश के करोडों लोगों की अगाध श्रद्धा है |
सभी धर्मो के लोग यहां साई बाबा दर्शन के लिये आते है | यही कारण है कि साई बाबा संस्थान की प्रसिद्धि भी इसके साथ ही बढती जा रही है |
यह साई बाबा का चमत्कार नहीं तो और क्या है कि आज भी देश भर में बाबा के नाम पर छोटे बडे अस्सी हजार से अधिक मंदिर हो गये है |

|| साई बाबा व्रत कथा समाप्तः ||

  
साई बाबा गुरुवार व्रत | Sai Baba Guruvar Vrat Katha | साई बाबा गुरुवार व्रत | Sai Baba Guruvar Vrat Katha | Reviewed by Bijal Purohit on 2:48 am Rating: 5

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