लक्ष्मी जी के 18 पुत्र | Lakshmi putra 18 Naam |
लक्ष्मी जी के 18 पुत्र
किन्तु अगर हम ऋग्वेद का प्रमाण ले तो
आनन्दः कर्दमः श्रीदश्चिक्लीत इति विश्रुता |
ऋषयः श्रियः पुत्राश्च मयि श्रीर्देवी देवता ||
ऐसे ही श्रीसूक्त में भी प्रमाण मिलता है |
किन्तु अपार लक्ष्मी प्राप्ति के लिए और उन्ही लक्ष्मीजी को स्थिर करने के लिए,व्यापार में वृद्धि के लिए,आकस्मिक धनप्राप्ति के लिए,रुके हुए पैसे को पाने के लिए,किसी को दिए हुये पैसो को वापिस लेने के लिए,ऋणमुक्ति के लिए,किसी भी प्रकार की बीमारियों में से मुक्त होने के लिए अवश्य लक्ष्मीजी के इन 18 पुत्रो को प्रतिदिन स्मरण करना चाहिए |
प्रातःकाल नित्य पूजा की शुरुआत से पहले या पूजा के बाद इन 18 नामो से लक्ष्मीपुत्रो का समरण करना चाहिए |
इन्ही नामो से श्रीयंत्र के ऊपर पुष्पदल-सफेदतिल-कमलपुष्प भी अर्पण कर सकते हो |
या अगर नित्य ना कर सको तो प्रति शुक्रवार इन नामो का स्मरण करना चाहिए |
अद्भुत बात यह है की इन्ही नामो से आप यज्ञ भी कर सकते हो |
स्मरण के लिए प्रत्येक नाम के पीछे "नमः" लगाए
और यज्ञ करने के लिए प्रत्येक नाम के पीछे नमः के बाद "स्वाहा" लगाकर यज्ञ भी कर सकते है |
यह अनुभूत प्रयोग है " यकीन माने लक्ष्मीजी दौड़कर आपके पास आएगी और स्थिर हो जायेगी |
लक्ष्मी पुत्रो के नाम
1 - ॐ देवसखाय नमः ( " स्वाहा" )
2 - ॐ चिक्लीताय नमः ( " स्वाहा" )
3 - ॐ आनन्दाय नमः ( " स्वाहा" )
4 - ॐ श्रीकर्दमाय नमः ( " स्वाहा" )
5 - ॐ श्रीप्रदाय नमः ( " स्वाहा" )
6 - ॐ जातवेदाय नमः ( " स्वाहा" )
7 - ॐ अनुरागाय नमः ( " स्वाहा" )
8 - ॐ सम्वादाय नमः ( सम्बादाय )( " स्वाहा" )
9 - ॐ विजयाय नमः ( " स्वाहा" )
10 - ॐ वल्ल्भाय नमः ( " स्वाहा" )
11 - ॐ मदाय नमः ( " स्वाहा" )
12 - ॐ हर्षाय नमः ( " स्वाहा" )
13 - ॐ बलाय नमः ( " स्वाहा" )
14 - ॐ तेजसे नमः ( " स्वाहा" )
15 - ॐ दमकाय नमः ( " स्वाहा" )
16 - ॐ सलिलाय नमः ( " स्वाहा" )
17 - ॐ गुग्गुलाय नमः ( " स्वाहा" )
18 - ॐ कुरुन्ण्टकाय नमः ( " स्वाहा" )
यह अद्भुत लक्ष्मीजी के पुत्रो के नाम समरण है ||
|| अस्तु ||
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