देवी स्तुतिः | देवी सूक्तम | Devi Suktam |


देवी स्तुति: 

देवी स्तुति:


जो अपने करकमलोंमें घण्टा,
शूल,हल,शंख,मूसल, चक्र,धनुष 
और बाण धारण करती हैं, 
शरद् ऋतुके शोभासम्पन्न चन्द्रमाके समान जिनकी मनोहर कान्ति है,
 जो तीनों लोकोंकी आधारभूता और 
शुम्भ आदि दैत्योंका नाश करनेवाली हैं तथा 
गौरीके शरीरसे जिनका प्राकट्य हुआ है,
उन महासरस्वती देवीका मैं निरन्तर भजन करता हूँ | 

देवता बोले, देवीको नमस्कार है,
महादेवी शिवाको सर्वदा नमस्कार है, 
प्रकृति एवं भद्राको प्रणाम है | 
हमलोक नियमपूर्वक जगदम्बाको नमस्कार करते हैं || १ || 

रौद्राको नमस्कार है | 
नित्या, गौरी एवं धात्रीको बारंबार नमस्कार है | 
ज्योत्स्नामयी, चन्द्ररूपिणी एवं सुखस्वरूपा देवीको सतत प्रणाम हैं || २ || 

शरणागतोंका कल्याण करनेवाली वृद्धि एवं सिद्धिरूपा देवीको 
हम बारंबार नमस्कार करते हैं | 
राक्षसोंकी देवी ( नैऋती ), राजाओंकी लक्ष्मी तथा शर्वाणी स्वरूपा 
आप जगदम्बाको बारंबार नमस्कार हैं || ३ || 

दुर्गा, दुर्गपारा, सारा, सर्वकारिणी, ख्याति, कृष्णा और
 धूम्रादेवीको सर्वदा नमस्कार हैं || ४ ||  

अत्यन्त सौम्य तथा अत्यन्त रौद्ररूपा देवीको हम नमस्कार करते हैं, 
उन्हें हमारा बारंबार प्रणाम हैं | 
जगद्की आधारभूता कृतिदेवीको बारंबार नमस्कार हैं || ५ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें विष्णुमायाके नामसे कही जाती हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || ६ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें चेतना कहलाती हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || ७ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें बुद्धिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || ८ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें निद्रारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || ९ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें क्षुधारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १० || 

जो देवी सब प्राणिओंमें छायारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || ११ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें शक्तिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १२ || 

जो देवी  प्राणिओंमें तृष्णारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १३ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें क्षमारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १४ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें जातिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १५ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें लज्जारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १६ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें शान्तिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १७ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें श्रद्धारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १८ || 

जो सेवी सब प्राणिओंमें कान्तिरूपसे स्थित हैं,
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || १९ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें लक्ष्मीरूपसे स्थित हैं,
 उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २० || 

जो देवी सब प्राणिओंमें वृत्तिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २१ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें स्मृतिरूपसे स्थित हैं,
उनको नमस्कार,
 उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २२ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें दयारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार,
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २३ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें तुष्टिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २४ || 

जो देवी सब प्राणिओंमें मातारूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २५ || 

जो देवी सब प्राणिओंमे भ्रान्तिरूपसे स्थित हैं, 
उनको नमस्कार,
\ उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २६ || 

जो जीवोंके इन्द्रियवर्गकी अधिष्ठात्री देवी एवं 
सब प्राणिओंमें सदा व्याप्त रहनेवाली हैं, 
उन व्याप्तिदेवीको बारंबार नमस्कार हैं || २७ || 

जो देवी चैतन्यरूपसे इस सम्पूर्ण जगत्को व्याप्त करके स्थित हैं, 
उनको नमस्कार, 
उनको नमस्कार, 
उनको बारंबार नमस्कार हैं || २८ || 

पूर्वकालमें अपने अभीष्टकी प्राप्ति होनेसे देवताओंने 
जिनकी स्तुति की तथा देवराज इन्द्रने बहुत दिनोंतक जिनका सेवन किया,
वह कल्याणकी साधनभूता ईश्वरी हमारा कल्याण और
 मंगल करे तथा सारी आपत्तियोंका नाश कर डाले || २९ || 

उद्दण्ड दैत्योंसे सताये हुए हम सभी देवता जिन परमेश्वरीको 
इस समय नमस्कार करते हैं तथा भक्तिसे 
विनम्र पुरुषोंद्वारा स्मरण की जानेपर तत्काल ही
 सम्पूर्ण विपत्तियोंका नाश कर देती हैं, 
वे जगदम्बा हमारा संकट दूर करें || ३० || 

|| इसी प्रकार श्रीमार्कण्डेयमहापुराणमें देवताओंद्वारा की गयी देवीस्तुति सम्पूर्ण हुई ||  
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