गणपति की आरती | Ganpati ki Arti |

 

गणपति की आरती

गणपति की आरती 


सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची || 


सर्वांगी सुन्दर ऊटी शेंदूरांची

कंठी झलके माल मुक्ताफळांची || 


जयदेव जयदेव जय मङ्गलमूर्ति

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती || 


रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची ऊटी कुंकुमकेशरा || 


हिरेजड़ित मुगुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घाघरिया || 


जयदेव जयदेव जय मङ्गलमूर्ति

दर्शनमात्रे मन कामनापूर्ति || 


लम्बोदर पीताम्बर फणिवरबंधना

सरल सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना || 


दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना || 


जयदेव जयदेव जय मङ्गलमूर्ति

दर्शनमात्रे मन कामनापूर्ति || 


|| गणपति आरती समाप्तः || 

गणपति की आरती | Ganpati ki Arti | गणपति की आरती | Ganpati ki Arti | Reviewed by Bijal Purohit on 3:13 am Rating: 5

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