महालक्ष्मी मूल मंत्र | Mahalakshmi Mul Mantra |
महालक्ष्मी मूल मंत्र
माँ लक्ष्मी का एक मात्र ऐसा मंत्र जिसके सम्पूर्ण अनुष्ठान से अपार धन लक्ष्मी की प्राप्ति होती है |
इस लेख में इसी मूल मन्त्र की सम्पूर्ण साधना के विषय में शास्त्रोक्त पद्धति बता रहा हु मुझे विश्वाश है इसका सम्पूर्ण लाभ आप को प्राप्त होगा |
में यहाँ बात कर रहा हु |
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः" इस महान मंत्र की साधना के विषय में |
इस साधना में विनियोग-न्यास-आदि विस्तृति करण कर रहा हु |
सत्ताईश अक्षरों वाला महालक्ष्मी मंत्र |
सर्वप्रथम विनियोग को पढ़े या अपने दाए हाथ में जलग्रहण करे |
विनियोग : ॐ अस्य मंत्रस्य ब्रह्मऋषिः, गायत्री छन्दः,श्री महालक्ष्मीर्देवता, श्रीं बीजं, नमः शक्तिः, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियोग : | यह विनियोग पढ़ने के बाद न्यास करे |
न्यास
ब्रह्मऋषये नमः शिरसि | अपने दाए हाथ से अपने सिर के ऊपर सपर्श करे |
गायत्री छन्दसे नमः मुखे | मुख को स्पर्श करे |
श्री महालक्ष्मी देवतायै नमः हृदि | ह्रदय को स्पर्श करे |
श्रीं बीजाय नमः गुह्ये | अपने गुप्त अंग को स्पर्श करे |
नमः शक्तये नमः पादयोः | अपने दोनों पैरो को स्पर्श करे |
विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे | ऐसा बोलकर दोनों हाथो को अपने सिर के ऊपर से लेकर अपने पैरो तक घुमाये |
इसके पश्चात कर और हृदयादि न्यास करे
करन्यास
कमले अंगुष्ठाभ्यां नमः | कमलालये तर्जनीभ्यां नमः | प्रसीद मध्यमाभ्यां नमः |
प्रसीद अनामिकाभ्यां नमः | महालक्ष्म्यै कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
हृदयादि न्यास
कमले हृदयाय नमः | कमलालये शिरसे स्वाहा | प्रसीद शिखायै वौषट | प्रसीद कवचाय हुम् | महालक्ष्म्यै नमः अस्त्राय फट |
न्यास आदि करने के बाद महालक्ष्मी माँ का ध्यान करे |
में यहाँ सरल ध्यान दे रहा हु |
ध्यान
ॐ या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
यह विधान कैसे करे ?
सर्व प्रथम एक चौकी ले उस चौकी के ऊपर एक लाल या पीला कपडा बिछा दे या आप चाहो तो अपने घर के मंदिर के आगे बैठकर भी यह साधना कर सकते है |
( चौकी के ऊपर महालक्ष्मी की प्रतिष्ठित मूर्ति या श्रीयंत्र रखे )
किन्तु जब आप दिया प्रज्वलित करे तो यह बात याद रखे | गाय के घी का दीपक भगवान् या श्रीयंत्र की दायी और ही करे |
उसके बाद इन सत्ताईस अक्षर वाला महालक्ष्मी का मूलमंत्र का जाप करे |
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः"
मंत्र को जपने के लिए कौन सी माला का प्रयोग करे ?
इस महामनरा के मंत्र जाप के लिये कमलगट्टे की संस्कारित माला का प्रयोग करे या रक्तचंदन की माला का प्रयोग करे |
इस मंत्र को कब सिद्ध करे ?
इस मंत्र को सिद्ध करना जरुरी है सम्पूर्ण फल प्राप्ति के लिये |
तो इस मंत्र को सिद्ध करने के उत्तम दिवस है (मुहूर्त) अक्षय तृतीया-रविमुष्यामृत-गुरुपुष्यामृत योग-सूर्यग्रहण-चंद्रग्रहण में इस मंत्र को सिद्ध करे |
इस मंत्र का अनुष्ठान
इस मंत्र का प्रथम अनुष्ठान १२००० मंत्रो का करे अर्थात (१२०) माला करे | (विद्वान् ब्राह्मण से करवाए)
इस मंत्र का पूर्ण जाप करने के बाद इसके दशांश यज्ञ करे |
दशांश यज्ञ के लिये श्वेततिल-कालेतिल-बिल्वफल-बिल्वदल(बिलीपत्र)-पायस(खीर)-गाय का घी इन सामग्रीओ से यज्ञ करे |
अगर आप दशांश हवन करने में समर्थ ना हो तो दशांश माला करे |
सम्पूर्ण साधना का संक्षिप्त विस्तृति करण
मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः |
१२० माल का अनुष्ठान | (प्रथम)
१२ माला का दशांश |
२ माला तर्पण |
२ मार्जन |
ब्रह्म भोजन |
यह एक सम्पूर्ण अनुष्ठान का विस्तृति करण है |
|| अस्तु ||
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