अपार धन देने वाले लक्ष्मी के 184 नाम | Lakshmi Ke 184 Naam |
अपार धन देने वाले लक्ष्मी के 184 नाम
यह महालक्ष्मी के नाम भगवान शिव के द्वारा कथित है
जिन्हे शीघ्र ही संपत्ति की प्राप्ति करनी हो, जिन्हे त्वरित धनप्राप्त करना हो उसके लिए यह अद्भुत साधना है |
इस साधना को संपत्ति की शीघ्र प्राप्ति के लिए भार्गव -परशुराम ने किया था |
मन्दभागि मनुष्य भी इस साधना से कुबेर के समान धनवान बन जाता है |
इसके माहात्म्य में कहा हुआ है की
शीघ्र सम्पत समृद्ध्यर्थं भार्गवेण कृता पुरा |
श्रीमत त्रिपुर सुंदर्या: सा पूजा कथ्यते मया ||
यथाति मन्दभाग्योपि कुबेर सदृशो भवी |
जायते नात्र सन्देहस्तां पूजां श्रुणु वल्लभे ||
इसकी साधना कैसे करनी है ?
श्रीयंत्र के सन्मुख गाय के घी का दीपक यन्त्र की दायी और प्रज्वलित करे |
इन नमो के द्वारा पिले-लाल पुष्पों-कुमकुम वाले अक्षत-कमल से एक एक नामो के द्वारा अर्पण करे |
इन्ही नामो से यज्ञ भी कर सकते है |
इन नामो में श्रीसूक्त ऋचाओं का भी उल्लेख है |
जो नाम मात्र से प्रस्तुत किया हुआ है |
ध्यान
ॐ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
१ - ॐ श्री हार नूपुर संयुक्तायै नमः |
२ - ॐ श्री कमल द्वय धारिण्यै नमः |
३ - ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः |
४ - ॐ श्री पर शिव मय्यै नमः |
५ - ॐ श्री शुद्ध जाम्बूनद प्रभायै नमः |
६ - ॐ श्री तेजो रुपायै नमः |
७ - ॐ श्री कमल वसत्यै नमः |
८ - ॐ श्री विश्व मोहिन्यै नमः |
९ - ॐ श्री सर्व भूषोज्ज्वलायै नमः |
१० - ॐ श्री बीजापूर धरायै नमः || १० ||
११ - ॐ श्री आद्या शक्तये नमः |
१२ - ॐ श्री सकल जनन्यै नमः |
१३ - ॐ श्री कलश धारिण्यै नमः |
१४ - ॐ श्री विष्णु वामाङ्ग संस्थायै नमः |
१५ - ॐ श्री कमलालयायै नमः |
१६ - ॐ श्री श्रीमत सौभाग्य जनन्यै नमः |
१७ - ॐ श्री भार्गव्यै नमः |
१८ - ॐ श्री सनातन्यै नमः |
१९ - ॐ श्री सर्व काम फलावाप्ति साधन सुखवहायै नमः |
२० - ॐ श्री हिरण्य वर्णायै नमः || २० ||
२१ - ॐ श्री हरिण्यै नमः |
२२ - ॐ श्री सुवर्ण ललित स्त्रजायै नमः |
२३ - ॐ श्री समस्त सम्पत सुखदायै नमः |
२४ - ॐ श्री अखिल सौभाग्य दायिन्यै नमः |
२५ - ॐ श्री समस्त कल्याण कार्यो नमः |
२६ - ॐ श्री ज्ञानदायै नमः |
२७ - ॐ श्री हरि प्रियायै नमः |
२८ - ॐ श्री विज्ञान सम्पत सुखदायै नमः |
२९ - ॐ श्री अश्व पूर्णायै नमः |
३० - ॐ श्री हिरण्मय्यै नमः || ३० ||
३१ - ॐ श्री विचित्र वाग भूति कर्यें नमः |
३२ - ॐ श्री रथ मध्यायै नमः |
३३ - ॐ श्री मनोहरायै नमः |
३४ - ॐ श्री हस्ति नाद प्रमोदायै नमः |
३५ - ॐ श्री अनन्त सौभाग्य दायिन्यै नमः |
३६ - ॐ श्री सर्व भूत्तान्तरस्थायै नमः |
३७ - ॐ श्री स्वर्ण प्राकार मध्यगायै नमः |
३८ - ॐ श्री समस्त भूतेश्वर्ये नमः |
३९ - ॐ श्री विश्व रुपायै नमः |
४० - ॐ श्री प्रभामय्यै नमः || ४० ||
४१ - ॐ श्री दारिद्र्य दुःखौध तमोपहन्त्र्यै नमः |
४२ - ॐ श्री पद्मिन्यै नमः |
४३ - ॐ श्री दीनार्ति विच्छेद दक्षायै नमः |
४४ - ॐ श्री कृपा कलित लोचनायै नमः |
४५ - ॐ श्री प्रणत स्वान्त शोकध्न्यै नमः |
४६ - ॐ श्री शरणागत रक्षणायै नमः |
४७ - ॐ श्री शान्त्यै नमः |
४८ - ॐ श्री कान्त्यै नमः |
४९ - ॐ श्री पद्म संस्थायै नमः |
५० - ॐ श्री कमनीय गुणाश्रयायै नमः || ५० ||
५१ -ॐ श्री क्षान्त्यै नमः |
५२ -ॐ श्री दांत्यै नमः |
५३ - ॐ श्री दुरित क्षय कारिण्यै नमः |
५४ - ॐ श्री शशि शेखर संस्थायै नमः |
५५ - ॐ श्री धन धान्य समृद्धिदायै नमः |
५६ - ॐ श्री शक्त्यै नमः |
५७ - ॐ श्री रक्त्यै नमः |
५८ - ॐ श्री नित्य पुष्टायै नमः |
५९ - ॐ श्री रजनी कर सोदरायै नमः |
६० - ॐ श्री करिषीण्यै नमः || ६० ||
६१ - ॐ श्री भक्त्यै नमः |
६२ - ॐ श्री भव सागर तारिण्यै नमः |
६३ - ॐ श्री मत्यै नमः |
६४ - ॐ श्री सिद्ध्यै नमः |
६५ - ॐ श्री धृत्यै नमः |
६६ - ॐ श्री मधुसूदन वल्ल्भायै नमः |
६७ - ॐ श्री पुष्ट्यै नमः |
६८ - ॐ श्री हिरण्य मालायै नमः |
६९ - ॐ श्री शुभ लक्षण लक्षितायै नमः |
७० - ॐ श्री अति दुर्गति हंत्र्यै नमः || ७० ||
७१ - ॐ श्री वर सद्गति दायिन्यै नमः |
७२ - ॐ श्री दिवि देव गणाराध्यै नमः |
७३ - ॐ श्री भुवनार्ति विनाशिन्यै नमः |
७४ - ॐ श्री आर्द्रायै नमः |
७५ - ॐ श्री पुष्करिणी पुष्ट्यै नमः |
७६ - ॐ श्री धरणीधर वल्लभायै नमः |
७७ - ॐ श्री दारिद्र दुःख हंत्र्यै नमः |
७८ - ॐ श्री भय विध्वंसिन्यै नमः |
७९ - ॐ श्री श्रीविष्णु वक्षःस्थलगायै नमः |
८० - ॐ श्री अशेष सुविभूतिदायै नमः || ८० ||
८१ - ॐ श्री लक्षणालक्षिताङ्ग्यै नमः |
८२ - ॐ श्री पद्मायै नमः |
८३ - ॐ श्री पद्मासनार्चितायै नमः |
८४ - ॐ श्री विद्या सम्पतकर्यै नमः |
८५ - ॐ श्री देव संघाभि पूजितायै नमः |
८६ - ॐ श्री भद्रायै नमः |
८७ - ॐ श्री भाग्य रूपायै नमः |
८८ - ॐ श्री नित्यायै नमः |
८९ - ॐ श्री निर्मल बुद्धिदायै नमः |
९० - ॐ श्री सत्यायै नमः || ९० ||
९१ - ॐ श्री सर्वभूत संस्थायै नमः |
९२ - ॐ श्री रत्न गर्भान्तर स्थितायै नमः |
९३ - ॐ श्री रम्यायै नमः |
९४ - ॐ श्री शुद्धायै नमः |
९५ - ॐ श्री कान्तायै नमः |
९६ - ॐ श्री कान्तिमद भासितांगायै नमः |
९७ - ॐ श्री सर्वसौख्य प्रदादेव्यै नमः |
९८ - ॐ श्री भक्तौघाभय दायिन्यै नमः |
९९ - ॐ श्री श्वेतद्वीप कृतावासायै नमः |
१०० - ॐ श्री जगन्मात्रे नमः || १०० ||
१०१ - ॐ श्री जगन्मय्यै नमः |
१०२ - ॐ श्री रत्नगर्भ स्थितायै नमः |
१०३ - ॐ श्री सौम्यायै नमः |
१०४ - ॐ श्री क्षीराम्बुधी कृतलयायै नमः |
१०५ - ॐ श्री प्रसन्न हृदयायै नमः |
१०६ - ॐ श्री परिपूर्णायै नमः |
१०७ - ॐ श्री हिरण्मय्यै नमः |
१०८ - ॐ श्री वसुन्धरायै नमः |
१०९ - ॐ श्री श्रीधरायै नमः |
११० - ॐ श्री वसुदोग्र्ध्यै नमः || ११० ||
१११ - ॐ श्री कृपा मय्यै नमः |
११२ - ॐ श्री विष्णु प्रियायै नमः |
११३ - ॐ श्री रत्न गर्भायै नमः |
११४ - ॐ श्री समस्त फलदायै नमः |
११५ - ॐ श्री रसातल गतायै नमः |
११६ - ॐ श्री सुव्रतायै नमः |
११७ - ॐ श्री हरिप्रियायै नमः |
११८ - ॐ श्री धरणीगर्भ संस्थायै नमः |
११९ - ॐ श्री समुन्नत मुख्यै नमः |
१२० - ॐ श्री समस्तपुर संस्थायै नमः || १२० ||
१२१ - ॐ श्री परिपूर्ण मनोरथायै नमः |
१२२ - ॐ श्री करुणारस निःष्पन्द नेत्र द्वय विलासिन्यै नमः |
१२३ - ॐ श्री सर्वराज गृहावासायै नमः |
१२४ - ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः |
१२५ - ॐ श्री गुणान्वितायै नमः |
१२६ - ॐ श्री वैकुण्ठ नगरस्थायै नमः |
१२७ - ॐ श्री क्षीर सागर कन्यकायै नमः |
१२८ - ॐ श्री योगिहृत पद्मसंस्थायै नमः |
१२९ - ॐ श्री कल्पवल्यै नमः |
१३० - ॐ श्री दयावत्यै नमः || १३० ||
१३१ - ॐ श्री भक्तचिंतामण्यै नमः |
१३२ - ॐ श्री आदि मायायै नमः |
१३३ - ॐ श्री इन्दिरायै नमः |
१३४ - ॐ श्री रमायै नमः |
१३५ - ॐ श्री निराकारायै नमः |
१३६ - ॐ श्री साकारायै नमः |
१३७ - ॐ श्री ब्रह्माण्डधारिण्यै नमः |
१३८ - ॐ श्री एक नाथायै नमः |
१३९ - ॐ श्री आद्यलक्ष्म्यै नमः |
१४० - ॐ श्री अज्ञान हंत्र्यै नमः || १४० ||
१४१ - ॐ श्री गुणातितायै नमः |
१४२ - ॐ श्री प्रज्ञान लोचनायै नमः |
१४३ - ॐ श्री अशेष वाग्जाङ्य मलहारिण्यै नमः |
१४४ - ॐ श्री सुस्पष्ट वाक्प्रदायै नमः |
१४५ - ॐ श्री सर्वसम्पद विराजितायै नमः |
१४६ - ॐ श्री प्रभालावण्य सुभगायै नमः |
१४७ - ॐ श्री दोर्ध्यै नमः |
१४८ - ॐ श्री स्वर्णप्रदायै नमः |
१४९ - ॐ श्री समस्तविघ्नौघ हंत्र्यै नमः |
१५० - ॐ श्री भोगदायै नमः || १५० ||
१५१ - ॐ श्री विचक्षणायै नमः |
१५२ - ॐ श्री देवाधि नाथ वन्द्यायै नमः |
१५३ - ॐ श्री दीनपोषण तत्परायै नमः |
१५४ - ॐ श्री मांगल्य बीज महिम्ने नमः |
१५५ - ॐ श्री निधि रूपिण्यै नमः |
१५६ - ॐ श्री अनंतगायै नमः |
१५७ - ॐ श्री आद्यायै नमः |
१५८ - ॐ श्री आदिलक्ष्म्यै नमः |
१५९ - ॐ श्री महासिद्धलक्ष्म्यै नमः |
१६० - ॐ श्री राजलक्ष्म्यै नमः || १६० ||
१६१ - ॐ श्री दिव्यलक्ष्म्यै नमः |
१६२ - ॐ श्री सुश्रियै नमः |
१६३ - ॐ श्री मङ्गलदेवतायै नमः |
१६४ - ॐ श्री भक्तिदायै नमः |
१६५ - ॐ श्री भुक्तिदायै नमः |
१६६ - ॐ श्री मुक्तिदायै नमः |
१६७ - ॐ श्री सद्गति प्रदायै नमः |
१६८ - ॐ श्री कीर्तिदायै नमः |
१६९ - ॐ श्री धनदायै नमः |
१७० - ॐ श्री पुत्र पौत्र विवर्धिन्यै नमः || १७० ||
१७१ - ॐ श्री पद्मननायै नमः |
१७२ - ॐ श्री पद्मोर्वे नमः |
१७३ - ॐ श्री पद्माक्ष्यै नमः |
१७४ - ॐ श्री पद्म सम्भवायै नमः |
१७५ - ॐ श्री अश्वदायै नमः |
१७६ - ॐ श्री गोदायै नमः |
१७७ - ॐ श्री धनदायै नमः |
१७८ - ॐ श्री महाधनायै नमः |
१७९ - ॐ श्री चंद्रसूर्याग्नि सर्वाभायै नमः |
१७९ - ॐ श्री चंद्रसूर्याग्नि सर्वाभायै नमः |
१८० - ॐ श्री जात वेदास्त्र संस्थितायै नमः || १८० ||
१८१ - ॐ श्री दिग गजेनद्र समाराध्यायै नमः |
१८२ - ॐ श्री दिव्यभूषण भूषितायै नमः |
१८३ - ॐ श्री सर्वसंपत प्रदायै नमः |
१८४ - ॐ श्री सर्वार्थ साधिन्यै नमः || १८४ ||
|| इति श्री लक्ष्मी नामावली ||
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