गणपति माला मंत्र | Ganpati Mala Mantra |
गणपति माला मंत्र
यह एक ऐसा अद्भुत और चमत्कारिक मंत्र है जिसके एक मात्र पाठ करने से
साधक के सभी संकटो का विनाश हो जाता है |
सभी बाधाओं में से मुक्ति प्राप्त कर लेता है |
गणेश उपासक इसका प्रतिदिन नित्य पूजा में एक पाठ का
समावेश कर सकते है |
या संकल्प लेकर के एक बार 108 बार इसका पाठ अवश्य करना चाहिए |
ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं ऐं ग्लौं ॐ ह्रीं क्रौं गं ॐ नमो भगवते महागणपतये स्मरणमात्रसंतुष्टाय सर्वविद्याप्रकाशाय सर्वकामप्रदाय भवबन्ध विमोचनाय ह्रीं सर्वभूतबन्धनाय क्रों साध्याकर्षणाय क्लीं जगत् त्रय वशीकरणाय सौ: सर्वमनक्षोभणाय श्रीं महासम्पत्प्रदाय ग्लौं भूमण्डलाधिपत्यप्रदाय महाज्ञानप्रदाय चिदानन्दात्मने गौरीनन्दनाय महायोगिने शिवप्रियाय सर्वानन्दवर्धनाय सर्वविद्याप्रकाशनप्रदाय द्रां चिरंजीविने ब्लूं सम्मोहनाय ॐ मोक्षप्रदाय |
फट् वशीकुरु | वौषडाकर्षणाय हुम् विद्वेषणाय विद्वेषय विद्वेषय |
फट् उच्चाटय उच्चाटय | ठः ठः स्तम्भय स्तम्भय | खें खें मारय मारय |
शोषय शोषय | परमन्त्रयन्त्रतन्त्राणि छेदय छेदय | दुष्टग्रहान निवारय निवारय | दुःखं हर हर | व्याधिं नाशय नाशय | नमः सम्पन्नय सम्पन्नय स्वाहा | सर्वपल्लवस्वरुपाय महाविद्याय गं गणपतये स्वाहा |
यन्मंत्रे क्षितलान्छितभमनघं मृत्युश्च वज्राशिशो भूतप्रेतपिशाचकाः प्रतिहता निर्घातपातादिव |
उत्पन्नं च समस्तदुखदुरितं उच्चाटनोत्पादकं वन्देऽभिष्टगणाधिपं भयहरं विघ्नौघनाशं परम |
ॐ गं गणपतये नमः | ॐ नमो महागणपतये,महावीराय,दशभुजाय,मदनकालविनाशन,मृत्युं हन हन,यम यम,मद मद,कालं संहर संहर,सर्वग्रहान चूर्णय चूर्णय,नागान मूढय मूढय,रुद्ररूप,त्रिभुवनेश्वर,सर्वतोमुख हुम् फट् स्वाहा |
ॐ नमो गणपतये | श्वेतार्क गणपतये | श्वेतार्कमूलनिवासाय | वासुदेवप्रियाय |
दक्षप्रजापतिरक्षकाय | सूर्यवरदाय | कुमारगुरवे |
ब्रह्मादिसुरावन्दिताय | सर्पभूषणाय | शशाङ्कशेखराय | सर्पमालाऽलङ्कृतदेहाय | धर्मध्वजाय | धर्मवाहनाय | त्राहि त्राहि | देहि देहि | अवतर अवतर | गं गणपतये | वक्रतुण्डगणपतये | वरवरद | सर्वपुरुषवशंकर |
सर्वदुष्टमृगवशंकर | सर्वस्ववशंकर | वशीकुरु वशीकुरु |
सर्वदोषां बन्धय बन्धय |
सर्वव्याधीन निकृन्तय निकृन्तय | सर्वविषाणी संहर संहर |
सर्वदारिद्र्यं मोचय मोचय |
सर्वविघ्नान छिन्धि छिन्धि | सर्व वज्राणि स्फोटय स्फोटय |
सर्वशत्रून उच्चाटय उच्चाटय | सर्वसिद्धिं कुरु कुरु | सर्वकार्याणि साधय साधय | गां गीं गूं गैं गौं गं गणपतये हुम् फट् स्वाहा |
ॐ नमो गणपते महावीर दशभुज मदनकाल विनाशन मृत्युं हन हन | कालं संहर संहर | धम धम | मथ मथ | त्रैलोक्यं मोहय मोहय |
ब्रह्मविष्णुरूद्रान मोहय मोहय | अचिन्त्य बल पराक्रम | सर्वव्याधीन विनाशाय | सर्वग्रहान चूर्णय चूर्णय | नागान् मोटय मोटय | त्रिभुवनेश्वर सर्वतोमुख हुम् फट् स्वाहा |
|| अस्तु ||
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