पिपल के पेड़ का महत्व | Pipal ke Ped ka Mahatva |


पिपल के पेड़ का महत्व 

पिपल के पेड़ का महत्व


भारतीय संस्कृति में उसमे भी खासकर सनातन संस्कृति में पीपल के पेड़ का बहुत ही विशेष महत्त्व दर्शाया हुआ है

"नारद मुनि कहते है" भगवान् विष्णु ने ही लोक कल्याण हेतु पीपल के पेड़ का स्वरुप धारण किया हुआ है

हमारे शास्त्र कहते है" अश्वत्त्थादक्षिणे रुद्रः पश्चिमे विष्णुरास्थितः

                              ब्रह्माचोत्तर देशस्थः पुर्वत्विन्द्रादि देवताः || "

अर्थात पीपल के पेड़ में स्वयं ब्रह्मा-विष्णु-रूद्र और इन्द्रादि देवताओ का निवास है


पीपल का महत्व 

अश्वत्थः मूलमाश्रित्य जपहोमसुरार्चनात

अक्षयंफल माप्नोति ब्रह्मणो वचनं यथा || 

पीपल के पेड़ के नीचे किया हुआ जपतपहवनसाधनाअनुष्ठान अक्षय फल प्रदान करता है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता

ऐसा स्वयं ब्रह्माजी का वचन है

इन्ही कारणों से विद्वान् लोग , ब्राह्मण, ऋषिमुनि सदा पीपल के पेड़ के निचे विधि विधान करने का आग्रह रखते है

महात्मा बुद्ध का बोधनिर्वाण भी पीपल के पेड़ से जुड़ा हुआ है | इतना पवित्र पीपल के पेड़ का माहात्म्य है


हमारे वेदो ने भी पीपल के पेड़ की महिमा गाई हुई है " अथर्ववेद में भी कहा है " अश्वत्थो देव सदन

शास्त्रों ने भी कहा है "अश्वत्थः पूजितोयत्र पूजिताः सर्वदेवताः "

अर्थात पीपल के पेड़ की पूजा से सर्वदेवताओ की भी पूजा होती है

श्रीकृष्ण भी कहते है " अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां

सभी वृक्षों में पीपल का वृक्ष में स्वयं हु



अगर संक्षिप्त में कहे की पीपल का पेड़ भगवान् विष्णु का जिवंत और मूर्तिमान स्वरुप है जो निरंतर मनुष्यो का और पितरो का उद्धार करता है


पीपल के पेड़ के उपाय 

- प्रतिदिन पीपल को जल चढ़ाना चाहिए

- शनि की साढ़ेसाती में तो प्रतिदिन जल चढ़ाना चाहिए

- सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के निचे सरसौ के तेल का दिया प्रज्वलित करना चाहिए

- पीपल की तीन या एकसौ आठ परक्रमा करने से 

दुर्भाग्य की समाप्ति हो जाती है

- विवाह में अगर बाधा रही है या विलम्ब हो रहा हो तो उन्हें दूध में काले तिल मिश्रित कर चढाने चाहिए

- शनिवारी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की 

षोडषोचार पूजा करनी चाहिए

- ऐसा करने वाले मनुष्य अपने साथ अपने पितरो का भी उद्धार करता है

- पीपल के निचे किसी भी प्रकार की साधना करने से 

शीघ्र सफलता मिलती है |

- पीपल को नमस्कार करने से सभी कार्य सिद्ध होते है

- चांदी के पात्र से पीपल को जल चढाने से सेंकडो वर्षो तक पितर स्वर्ग में निवास करते है

- चतुर्दशी और अमावस्या को पीपल को अवश्य जल चढ़ाना चाहिए

ऐसा करने से भगवान् विष्णु सहित पितर सदा प्रसन्न रहते है

- अगर किसी को संतान नहीं हो रही तो पीपल के पेड़ को ही अपनी संतान बनाकर सेवा करनी चाहिए

- पीपल का एक पेड़ लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है


पीपल के पेड़ को कैसे काटे

अगर किसी कारणवश पीपल को काटना पड़े तो सम्पूर्ण सस्कार कर ही काटे या किसी विद्वान ब्राह्मण को बुलाकर विधी पूर्वक पेड़ को काटे | लेकिन यज्ञ के लिए पीपल के पेड़ को काटने से कोई दोष नहीं लगता


क्या पीपल के पेड़ में भूत का वास होता है ?

कई लोगो ने यह गलत भ्रम फैलाया हुआ है की पीपल के पेड़ में भूत-प्रेत का निवास होता है | लेकिन यह गलत भ्रम है

जिअसे मैंने उपरोक्त प्रमाण दिए की इस में तो स्वयं देवताओ का निवास है  तो भूत प्रेत कहा से आये ?

तो आप एक गमले में घर में भी पीपल को लगा सकते है


पीपल के पेड़ को घर के आगे ना लगाने का एक मात्र वैज्ञानिक कारण है की पीपल की आयु बहुत ही लम्बी होती है तो उसकी जड़े बहुत ही लम्बी हो जाती है जो घर की दीवारों को चीरकर बहार निकलती है और घर की दीवारों में पीपल का पेड़ फैलने लगता है | सिर्फ यही कारण है अन्य कोई कारण नहीं है

किन्तु गमले में पीपल के पेड़ को लगाने से घर में वातावरण शुद्ध रहता है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है


इतना अद्भुत पीपल के पेड़ का महत्व है |


|| अस्तु || 

पिपल के पेड़ का महत्व | Pipal ke Ped ka Mahatva | पिपल के पेड़ का महत्व | Pipal ke Ped ka Mahatva | Reviewed by Bijal Purohit on 1:15 pm Rating: 5

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