नवग्रहों का मनुष्य के अंगो पर प्रभाव | Vangraho ka Manushya ke Ango par Prabhav |
नवग्रहों का मनुष्य के अंगो पर प्रभाव
ज्योतिष एक ऐसा विषय जो हमें अन्धकार से प्रकाश की और ले जाता है |
और वो भी सम्पूर्ण नवग्रह के अनुसार विधि-विधानों के साथ अगर ज्योतिष को समझा जाए तो अवश्य जीवन में जो भी प्रश्न है उसका निराकरण मिलता है |
शास्त्रों में कहा है की सभी नौ ग्रहो का मनुष्य के शरीर के अंगो पर सीधा सीधा प्रभाव पड़ता है |
तो आज वो ही बता रहा हु |
साथ जिस की भी कुंडली में जो गृह दुर्बल होता है उस व्यक्ति को उस ग्रह से सम्बंधित शरीर के अंग पर सीधा असर होता है अर्थात जो ग्रह दुर्बल है उसी से सम्बंधित अंग भी दुर्बल होता है |
सूर्य
सूर्यग्रह का मनुष्य के सिर-(मस्तिष्क से संबंधित रोग)-पेट-जंघा-गर्भाशय-पीठ-रीढ़ और आत्मीयबल पर प्रभाव होता है |
चंद्रग्रह
चंद्र का मनुष्य के दोनों आँखों पर-छाती के भाग पर-स्त्रियो के स्तनों पर-दोनों गाल पर प्रभाव रहता है |
मंगलग्रह
मंगल का मनुष्य के रक्त पर-मस्तिष्क पर-आंतों पर-नाड़ीपर-बाहु पर-भुज दंड पर-गले पर-अंडकोष पर प्रभाव रहता है |
बुधग्रह
बुध का मनुष्य की गर्दन पर गले कभाग पर-चमड़ी पर(त्वचा)-कोहनी पर-गुर्दा पर-पित्ताशय पर प्रभाव रहता है |
गुरूग्रह
गुरूग्रह का मनुष्य के पैरो पर-जिगर पर-दोनों कानो पर-छाती पर-गर्भाशय पर-शरीर की चर्बी पर-दोनों जांघो पर प्रभाव होता है |
शुक्रग्रह
शुक्रग्रह का पुरुष के लिंग और स्त्री की योनि पर-गर्भाशय पर-शुक्राणु पर प्रभाव होता है |
शनिग्रह
शनिग्रह का दोनों नेत्रों पर-बालो पर-दोनों भौहो पर-कान के ऊपर के भाग पर-दोनों पैरो के घटने पर प्रभाव होता है |
राहुग्रह
राहु का प्रभाव मस्तिष्क के भाग पर-ठोडी पर प्रभाव होता है |
केतुग्रह
केतुग्रह का मनुष्य के घुटने पर-दोनों हाथों और पैरो के पंजो पर-त्वचा पर-मेरुदंड पर केतुग्रह का प्रभाव होता है |
इस प्रकार से ज्योतिषशास्त्र में कई प्रमाण मिलते है की ग्रहो का मानव अंगो पर काफी प्रभाव होता है |
|| अस्तु ||
कोई टिप्पणी नहीं: