विचित्र वीर हनुमान माला मंत्र | Vichitra Vir Hanuman Mala Mantra |
विचित्र वीर हनुमान माला मंत्र
विनियोगः
ॐ अस्य श्रीविचित्रवीरहनुमन्मालामंत्रस्य श्रीरामचन्द्रो भगवानऋषिः
अनुष्टुप छन्दः श्रीविचित्रवीरहनुमान देवता ममाभीष्टसिद्ध्यर्थे
माला मंत्र जपे विनियोगः |
ऋष्यादिन्यासन्यासः
ॐ श्रीरामचन्द्रो भगवान् ऋषये नमः शिरसि |
अनुष्टुपछन्दसे नमः मुखे |
श्रीविचित्रवीर हनुमान देवतायै नमः हृदि |
ममाभीष्ट सिध्यर्थे मालमन्त्र जपे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे |
षडङ्गन्यासः
ॐ ह्रां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः |
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः |
ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः |
ॐ ह्रैं अनामिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः |
ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः |
ॐ ह्रां हृदयाय नमः |
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा |
ॐ ह्रूं शिखायै वौषट |
ॐ ह्रैं कवचाय हुम् |
ॐ ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट |
ॐ ह्रः अस्त्राय फट |
ध्यानं
वामे करे वैरवहं वहन्तं शैलं परे श्रृंखलमालयाढ़यम |
दधानमाध्मातसुवर्णवर्णं भजे ज्वलत्कुण्डल माँजनेयम ||
माला मंत्रः
ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते
प्रलयकालानलप्रभाज्वलत्प्रतापवज्रदेहाय |
अञ्जनीगर्भसम्भूताय |
प्रकटविक्रमवीरदैत्यदानवयक्षराक्षसग्रहबन्धनाय
भूतग्रहप्रेतग्रहपिशाचग्रहशाकिनीग्रहडाकिनीग्रह
काकिनीग्रहकामिनीग्रह ब्रह्मग्रहब्रह्मराक्षसग्रह चोरग्रहबन्धनाय |
एहि एहि |
आगच्छागच्छ | आवेशयावेशय |
मम हृदयँ प्रवेशय प्रवेशय |
स्फुर स्फुर | प्रस्फुर प्रस्फुर |
सत्यं कथय कथय |
व्याघ्रमुखं बन्धय बन्धय |
सर्पमुखं बन्धय बन्धय |
राजमुखं बन्धय बन्धय |
सभामुखं बन्धय बन्धय |
शत्रुमुखं बन्धय बन्धय |
सर्वमुखं बन्धय बन्धय |
लङ्काप्रासादभञ्जन सर्वजनं में वशमानय वशमानय
श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वानाकर्षय
आकर्षय शत्रून्मर्दय मर्दय
मारय मारय |
चूर्णय चूर्णय |
खे खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया प्रज्ञया मम कार्यसिद्धि कुरु कुरु
मम शत्रून् भस्मी कुरु कुरु स्वाहा ||
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट्
विचित्रवीरहनुमते मम सर्वशत्रून् भस्मीकुरु कुरु |
हन हन हुं फट् स्वाहा |
( एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून वशमानयति नान्यथा इति )
|| इति श्रीविचित्रवीर हनुमन्माला मंत्र सम्पूर्णं ||
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