कामेश्वरी स्तुतिः | Kameshvari Stuti |

 

कामेश्वरी स्तुतिः

कामेश्वरी स्तुतिः



युधिष्ठिर उवाच

नमस्ते परमेशानि ब्रह्मरुपे सनातनि |

सुरासुरजगद्वन्द्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


ते प्रभावं जानन्ति ब्रह्माद्यास्त्रिदशेश्वराः |

प्रसीद जगतामाद्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


अनादिपरमा विद्या देहिनां देहधारिणी |

त्वमेवासि जगद्वन्द्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


त्वं बीजं सर्वभूतानां त्वं बुद्धिश्चेतना धृतिः |

त्वं प्रबोधश्च निद्रा कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||

युधिष्ठिर बोले

ब्रह्मरूपा सनातनी परमेश्वरी आपको नमस्कार है |

देवताओं, असुरों और सम्पूर्ण विश्वद्वारा वन्दित कामेश्वरी |

आपको नमस्कार है |

 जगतकी आदिकारणभूता कामेश्वरी |

आपके प्रभावको ब्रह्मा आदि देवेश्वर भी नहीं जानते हैं, 

आप प्रसन्नहों,आपको नमस्कार है |

जगद्वन्द्ये,आप अनादि, परमा, विद्या और

देहधारियोंकि देहको धारण करनेवाली हैं,

कामेश्वरी, आपको नमस्कार है |

आप सभी प्राणियोंकी बीजस्वरुपा हैं, आप ही बुद्धि, चेतना और धृति हैं, आप ही जागृति और निद्रा हैं, कामेश्वरी आपको नमस्कार है || - || 


त्वामाराध्य महेशोऽपि कृत कृत्यं हि मन्यते |

आत्मानं परमात्माऽपि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


दुर्वृत्तवृत्तसंहर्त्रि पापपुण्यफलप्रदे |

लोकानां तापसंहर्त्रि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


त्वमेका सर्वलोकानां सृष्टिस्थित्यन्तकारिणी |

करालवदने कालि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||

आपकी आराधना करके परमात्मा शिव भी अपने आपको कृतकृत्य मानते हैं, कामेश्वरी आपको नमस्कार है |

दुराचारियोंके दुराचरणका संहार करनेवाली, पाप पुण्यके फलको देनेवाली तथा सम्पूर्ण लोकोंके तापकानाश करनेवाली कामेश्वरी, आपको नमस्कार है |

आप ही एकमात्र समस्त लोकोंकी सृष्टि, स्थिति और विनाश करनेवाली हैं |

विकराल मुखवाली काली कामेश्वरी, आपको नमस्कार है || - || 


प्रपन्नार्तिहरे मातः सुप्रसन्नमुखाम्बुजे |

प्रसीद परमे पूर्णे कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


त्वामाश्रयन्ति ये भक्त्या यान्ति चाश्रयतां तु ते |

जगतां त्त्रिजगद्धात्रि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || ||


शुद्धज्ञानमये पूर्णे प्रकृतिः सृष्टिभाविनी |

त्वमेव मातर्विश्वेशि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते || १० ||

शरणागतोंकी पीड़ाका नाश करनेवाली, 

कमलके समान सुन्दर और प्रसन्न मुखवाली माता,

 आप मुझपर प्रसन्न हों |

परमे पूर्णे कामेश्वरी, आपको नमस्कार है |

जो भक्तिपूर्वक आपके शरणागत हैं,

वे संसारको शरण देनेयोग्य हो जाते हैं |

तीनों लोकोंका पालन करनेवाली देवी कामेश्वरी, आपको नमस्कार है |

आप शुद्धज्ञानमयी, सृष्टिको उत्पन्न करनेवाली पूर्ण प्रकृति हैं,

आप ही विश्वकी माता हैं,

कामेश्वरी आपको नमस्कार है || -१० ||


|| इति श्री महाभागवते महापुराणे युधिष्ठिरकृता कामेश्वरीस्तुतिः सम्पूर्णम् ||  

कामेश्वरी स्तुतिः | Kameshvari Stuti | कामेश्वरी स्तुतिः | Kameshvari Stuti | Reviewed by Bijal Purohit on 3:52 am Rating: 5

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