कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ? Kumbh Vivah Kab Karna Chahiye ?

 

कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?

कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?

कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ?

कुम्भ विवाह क्यों करना चाहिए ?

कुम्भ विवाह जरुरी है या नहीं ?

पीपल से विवाह कब करना चाहिये ?

विष्णु भगवान् से विवाह कब और क्यों करना चाहिए ?


जन्मोत्थं विलोक्य बालविधवा

योगं विधाय व्रतं

सावित्र्या उत पैप्पलं हि सुतया

दद्यादिमां वा रहः |

सल्ल्लग्नेऽच्युतमूर्त्तिपिप्पल घटै:

कृत्वा विवाहं स्फुटं

दद्यात्तां चिरजीविनेऽत्र भवे

द्दोषः पुनर्भूभवः ||


जन्मकुण्डली में जन्म लग्न से

 विधवायोग देखकर या छोटी उम्र में ही

विधवा ना हो यह देखकर लड़की को

सावित्री का व्रत

पीपल के पेड़ से विवाह

घट ( कुम्भ विवाह )

कर के वर ( लड़के की ) कुण्डली देखकर

कन्या का विवाह लड़के से करना चाहिए |

उसके पश्चात पुनर्विवाह का दोष नहीं होगा ||


|| कुम्भ विवाह ||

कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ? Kumbh Vivah Kab Karna Chahiye ? कुम्भ विवाह कब करना चाहिए ? Kumbh Vivah Kab Karna Chahiye ? Reviewed by Bijal Purohit on 1:53 pm Rating: 5

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