शालिग्राम दान मंत्र | Shaligram Daan Mantra |
शालिग्राम दान मंत्र
हमारे शास्त्रों में कहा है सबसे बड़ा दान शालिग्राम शिला और शिवलिङ्ग का है |
किन्तु जब भी की दान किया जाता है तो उसके पीछे कोई न कोई विधान होता है |
अगर उस विधान के अनुसार हम दान करते है तो
जो दान करते है
उसका पूर्ण रूप से फल मिलता है |
आज यहाँ पर जब शालिग्राम हम दान करते है |
तो उस समय जो मंत्र बोला जाता है वो प्रस्तुत का रहा हु |
शालिग्राम किसी भी माह में ,किसी भी दिन,किस भी तिथि में,
किसी भी नक्षत्र में दान कर सकते है |
शालिग्राम दान के लिए कोई मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है |
शालिग्राम दान करते समय बोलने का मंत्र :
शालग्रामशिला पुण्या भुक्तिमुक्ति प्रदायिनी |
शालग्रामप्रदानेन मम सन्तु मनोरथाः ||
चक्राङ्कितसमायुक्तशालग्रामशिला शुभा |
दानेनैव भवेत्तस्या उभयोर्वाञ्छितं फलं ||
इस मन्त्र को बोलकर शालग्राम शिला दान करनी चाहिए |
|| अस्तु ||
शालिग्राम दान मंत्र | Shaligram Daan Mantra |
Reviewed by Bijal Purohit
on
2:35 pm
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