नक्षत्र गण्डांत क्या होता है | Nakshatra Gandaat |
नक्षत्र गण्डांत क्या होता है
दो नक्षत्रो संधियों को नक्षत्र गण्डांत कहते है |
एक नक्षत्र का होकर दूसरे नक्षत्र का आरम्भ होना
नक्षत्र की संधिकाल कहा जाता है |
नक्षत्रो की संधिकाल गण्डांत कहते है |
आश्लेषा/मघा
ज्येष्ठा/मूल
रेवती/अश्विनी
इन छह नक्षत्रो संधिकाल को गण्डांत कहते है |
यह नक्षत्र संधि अगर दिवस काल में है और उसमे जन्म होता है तो मित्र नाश
यह नक्षत्र संधि अगर रात्रिकाल में है और उसमे जन्म होता है तो मातृनाश
यह नक्षत्र संधि अगर संध्याकाळ में है और उसमे जन्म होता है स्वयं नाश
नक्षत्र गण्डांत में जिनका जन्म होता है उसका स्वास्थ्य ठीक रहता ||
|| नक्षत्र गण्डांत प्रकरण समाप्त ||
नक्षत्र गण्डांत क्या होता है | Nakshatra Gandaat |
Reviewed by Bijal Purohit
on
2:21 pm
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